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नान स्टाप राइटिंग चेलैंज 2022 एडीशन 1 सम्मान का असली हकदार कौन( भाग 17)

        "भाभी आज तो आपको नेग के लिए अपना पूरा पर्स खाली करना होगा। आज मै इस तरह नही मानूँगी कि  साधारण सी साडी़ देदो और मैं चुपचाप मान जाऊ। आखिर मे  गौतम की बुआ हूँ। " रश्मि इठलाती हुई बोली।


      "सरिता तू कहाँ है जल्दी आकर राघव को हल्दी लगाने का नेग करदें।" पीहू ने सरिता को आवाज लगाई।

      "  नही बीबी जी यह सगुन का काम है इसको मै कैसे कर सकती हूँ यह तो आप रश्मि दीदी से कर बाओ। इस पर उनका हक है। " सरिता ने जबाब देते हुए कहा।

         " नही सरिता यह तेरा हक है मुझे वह दिन आज भी याद है  जब मै इस शहर में नयी आई थी और पीहू की आँखौ के सामने आज से बास बाईस सिल पहले की यादैं ताजा होगयी। उसको यह महसूस होरहा था कि यह कल की बात है।

          उस समय माँ बनने वाली थी। उसको घर का काम करने में परेशानी होती थी।  तब पडौ़स वाली आन्टी ने सरिता से बात कराई थी और सरिता उनके घर का काम करने आने लगी ।

    पहले दिन जब वह आई तब उसकी पांच साल की बेटी अनन्या ने उससे पूछा," मम्मी यह कौन है हमारे घर क्यौ आई है।"

       पीहू ने उसे समझाते हुए कहा ,"यह आन्टी है मुझसे काम नही होता इस लिए यह मेरी हैल्प करने आई है।"

     एक दिन जब सरिता आई तब उसकी बेटी अनन्या ने अपनी मम्मा को आवाज लगाई कि मम्मा कामवाली आन्टी आगयी है। उस दिन  पीहू ने उसे डाँटा भी और समझाया बेटा इनको आन्टी बोलो या बुआ बोलो  कामवाली नही बोलते। उस दिन से सरिता इस तरह काम करने लगी जैसे उसके घर का काम हो। वह पीहू को कोई काम नही करने देती वह जबभी बुलाती दौडी़ चली आती।


     उस दिन से  अनन्या सरिता को बुआ कहने लगी।  जब पीहूके डिलेवरी का समय नजदीक आया तब सौरभ ने अपनी बहिन को  बुलाने के लिए फौन किया लेकिन वह वहाना बनाकर आने के लिए मना कर दिया। 

         बाद मे मालूम हुआ कि वह इस लिए नही आई कि भाई का हाथ तंग है कुछ मिलना तो है नही इस लिए कौन जायेगा।

    एक दिन सौरभ आफिस गया था ।सरिता काम कर रही थी।
उसी समय पीहू के दर्द शुरू होगये। सरिता ने अनन्या को अपने घर छोडा़ और पीहू को हास्पीटल में भरती करवा दिया जब तक सौरभ पहुँचा तब तक  डिलेवरी होगयी थी।।

      पीहू ने अपनी नन्द को फौन करके नामकरण पर बुलाया लेकिन वह बोली ," भाभी मै बहुत दूर हूँ बहुत ज्यादा खर्च होजायेगा आप वही किसी से नेग करवा लेना। "

    पीहू समझ गयी और उसने सारा काम सरिता से करवालिया और जोनेगाचार बनता था सब सरिता को दिया। उह दिन से सरिता उस घर की सदस्य बनगयी। अब जब भी पीहू कूछ करती तब सरिता को ही याद करती

     हमेशा एक जैसा समय नही रहता है।अब सौरभ का प्रमोशन होगया था और उसको लौन भी मिलगया था जिससे उसने अपना छोटा सा मकान भी ले लिया था। पीहू ने मकान के महूर्त पर भी सरिता को ही याद किया था। दोनौ बच्चे उसको सगी बुआ से अधिक सम्मान करते थे।

     आज राघव की शादी पर भी   जब पीहू ने सरिता को ही याद किया इससे पीहू की ननद नाराज होगयी। और  बोली," यह तो आप हमे यहाँ बुलाकर हमारा अपमान कर रहे हो। आपने हमें बुलाया ही क्यौ था जब आपकी ननद यहाँ थी हमे न्यौता क्यौ दिया था "

     इस पर पीहू बोली," मैने  हमेशा सबसे पहले आपको याद  किया है परन्तु आप हम गरीब के घर आना ही नहीं चाहती थी। जब राघव का जन्म हुआ तब सबसे पहले आपको बुलाया था परन्तु आपने आने से इन्कार कर दिया। बाद में मुझे मालूम होगया था कि आप इस लिए नही आई कि आपके भाई की हालत कमजोर थी जितना मिलता नही उससे अधिक किराया लग जायेगा। यही बात थी न भाभी। !"

      रश्मि का पास इसका कोई जबाब नही था।

 पीहू आगे बोली," दीदी उस दिन मै घर पर अकेली थी। पडौ़स की आन्टी के पास सरिता को भेजा था उन्हौने आने से मना कर दिया तब सरिता अनन्या को अपने घर छोड़कर मुझे अस्पताल लेकर गयी थी। सौरभ का फौन नही लग रहा था। जब तक तुम्हारे भाई पहुँचे तबतक सरिता ने सब सम्भाल लिया था राघव पर सरिता का हक है सब काम उहने किया था  वह मेरे लिए कामवाली  बाई नही है वह मेरी बहिन जैसी है आज दोंनौ बच्चे उसे बुआ कहकर बुलाते है। राघव की शादी के नेगचार पर उसका हक है  मैने अनन्या की शादी मे सब आपको दिया था।

     सरिता यह सब सुनकर पीहू से लिपटकर रोते हुए बोली," आज आपने एक कामवाली बाई को जो सम्मान दिया है मै उसे पाकर धन्य होगयी हूँ  । आप दीदी का हक उनको दीजिए मुझेतो आपने जोमान दिया है वह बहुत बडी़ सम्पत्ति है।

     सरिता ने रश्मि को ही सब नेग दिलवाए लेकिन पीहू ने सरिता को अलग से सब कुछ दिया।


 नान स्टाप राइटिंग चेलैन्ज के लिए लिखी गयी रचना।

नरेश शर्मा "पचौरी "

25/07/2022


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13 Comments

Khushbu

27-Jul-2022 07:22 PM

Nice

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Saba Rahman

26-Jul-2022 11:58 PM

Nice

Reply

Khan

26-Jul-2022 11:07 PM

😊😊😊

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